हाल ही में अमेरिका और यूक्रेन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। यह समझौता यूक्रेन के दुर्लभ खनिज संसाधनों के विकास और अमेरिका को उनकी आपूर्ति से संबंधित था। इस समझौते के स्थगित होने का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेन्स्की के बीच मतभेद बताया जा रहा है।
समझौते की पृष्ठभूमि
यूक्रेन के पास दुर्लभ खनिजों (Rare Earth Minerals) का विशाल भंडार है, जिनका उपयोग अंतरिक्ष, रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी उच्च तकनीकी उद्योगों में किया जाता है। इस समझौते के तहत अमेरिका को इन खनिजों तक विशेष पहुंच मिलने वाली थी, और इसके बदले में यूक्रेन को सुरक्षा सहायता और आर्थिक सहयोग की उम्मीद थी।
व्हाइट हाउस में विवादास्पद बैठक
28 फरवरी 2025 को वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस में अमेरिकी और यूक्रेनी राष्ट्रपतियों की बैठक हुई, जिसका उद्देश्य इस समझौते को अंतिम रूप देना था। हालांकि, यह बैठक कड़े मतभेदों के कारण विफल रही।
- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन की मांगों को अत्यधिक बताया और समझौते की शर्तों को लेकर नाराज़गी जताई।
- राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेन्स्की ने अमेरिका से सुरक्षा गारंटी की मांग की, जो समझौते में स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं थी।
- इस विवाद के बाद समझौते को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया और दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
समझौते में मतभेद के मुख्य बिंदु
इस समझौते को लेकर कई विवादास्पद मुद्दे सामने आए:
सुरक्षा गारंटी की कमी –
- यूक्रेन चाहता था कि समझौते में अमेरिका स्पष्ट सुरक्षा गारंटी दे, ताकि अगर रूस हमला करे तो अमेरिका उसका समर्थन करे।
- अमेरिका ने यह गारंटी देने से इनकार कर दिया और केवल आर्थिक मदद की पेशकश की।
आर्थिक शर्तें –
- अमेरिकी प्रस्ताव के अनुसार, यूक्रेन को अपने खनिज संसाधनों से होने वाली कमाई का 50% एक अमेरिकी नियंत्रित फंड में देना था, जब तक कि यह राशि $500 बिलियन तक न पहुंच जाए।
- यूक्रेन ने इन शर्तों को अनुचित और असमान बताते हुए अस्वीकार कर दिया।
राजनीतिक मतभेद –
- ट्रंप प्रशासन चाहता था कि यूक्रेन रूस से बातचीत शुरू करे, जबकि ज़ेलेन्स्की इस पर सहमत नहीं थे।
- यूक्रेन को डर था कि यह कदम रूस को और अधिक आक्रामक बना सकता है।
समझौते के स्थगन के प्रभाव
इस समझौते के टलने से कई प्रभाव देखने को मिल सकते हैं:
- अमेरिका-यूक्रेन संबंधों में तनाव – अमेरिका और यूक्रेन के बीच राजनीतिक दूरी बढ़ सकती है, जिससे भविष्य के सहयोग पर असर पड़ेगा।
- यूक्रेनी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव – यूक्रेन के खनिज संसाधनों के विकास में देरी होगी, जिससे निवेश और औद्योगिक विकास प्रभावित हो सकते हैं।
- भू-राजनीतिक अस्थिरता – यह स्थगन रूस के लिए लाभदायक हो सकता है, क्योंकि अमेरिका और यूक्रेन के बीच मतभेद बढ़ने से यूक्रेन कमजोर पड़ सकता है।
यूरोपीय नेताओं की प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम के बाद, जर्मनी और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों ने यूक्रेन के प्रति समर्थन जताया है। जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन को भरोसा दिलाया कि वे उसके हितों की रक्षा करेंगे।
भविष्य की संभावनाएँ
- फिलहाल, यह समझौता अनिश्चितकाल के लिए टल गया है, लेकिन दोनों देशों ने बातचीत जारी रखने की इच्छा जताई है।
- ज़ेलेन्स्की ने कहा है कि वह नए और बेहतर प्रस्ताव पर बातचीत के लिए तैयार हैं।
- ट्रंप प्रशासन ने भी संकेत दिया है कि अगर यूक्रेन शर्तों में बदलाव करता है, तो अमेरिका समझौते पर पुनर्विचार कर सकता है।
इस समझौते का स्थगन दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और व्यापारिक हितों के बीच संतुलन बनाना कितना जटिल कार्य है। यदि यह समझौता सफल होता, तो यह यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और अमेरिका को दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति सुरक्षित करने में मदद कर सकता था। अब यह देखना होगा कि दोनों देश कैसे आगे बढ़ते हैं और क्या कोई नया समझौता संभव है।
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