भारत में जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है। हाल ही में संसदीय स्थायी समिति on जल संसाधन ने अपनी रिपोर्ट में देशभर में जल प्रदूषण की भयावह स्थिति पर चिंता जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, 11,000 से अधिक बस्तियाँ लौह, नाइट्रेट, भारी धातुओं और अन्य प्रदूषकों से प्रभावित हैं, जिससे लाखों लोगों का स्वास्थ्य संकट में है।
🔍 जल प्रदूषण का दायरा
📌 7 राज्यों के 96 जिलों में 11,348 बस्तियाँ जल प्रदूषण से प्रभावित।
📌 पंजाब में विशेष रूप से यूरेनियम प्रदूषण का खतरा, जहाँ 9 जिलों की 32 बस्तियाँ प्रभावित हैं।
📌 कई क्षेत्रों में अस्थायी समाधान लागू किए गए हैं, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में लोग स्वच्छ जल से वंचित हैं।
🚰 सरकार की प्रतिक्रिया
✅ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज़- II को 2025-26 तक बढ़ाया गया है, ताकि खुले में शौच मुक्त (ODF) स्थिति बनाए रखी जा सके और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार हो।
✅ हालाँकि, संसदीय समिति ने बताया कि 2024-25 में संशोधित बजट का केवल 33% ही खर्च किया गया, जिससे फंड का समुचित उपयोग नहीं हो सका।
✅ जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक नल से स्वच्छ जल पहुँचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
👥 सामुदायिक भागीदारी (“जन भागीदारी”)
💡 सरकार अब “सेवा प्रदाता मॉडल” पर काम करेगी, जहाँ ग्रामीण समुदायों को जल प्रबंधन योजनाओं में प्रत्यक्ष भागीदार बनाया जाएगा।
💡 राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने की योजना है, जिससे जल आपूर्ति को अधिक विश्वसनीय बनाया जा सके।
⚠️ क्रियान्वयन में चुनौतियाँ
🚧 नए फंड रिलीज़ सिस्टम में देरी – सरकार ने जल योजनाओं के लिए RBI के e-Kuber प्लेटफॉर्म को जोड़ा है, लेकिन इसकी सुस्त कार्यप्रणाली के कारण वित्तीय सहायता में देरी हो रही है।
🚧 पूर्व-बजट योजना की कमी – संसदीय समिति ने कहा कि बजट के संशोधित अनुमानों में बड़े कटौती के कारण योजनाओं का प्रभाव कम हो जाता है।
📊 भारत में जल प्रदूषण: एक दृष्टि
नीचे दिए गए ग्राफ़ में जल प्रदूषण से प्रभावित राज्यों और बस्तियों की संख्या दर्शाई गई है:
जल प्रदूषण से प्रभावित बस्तियाँ (राज्यवार)
राज्य | प्रभावित बस्तियाँ | प्रमुख प्रदूषक |
---|---|---|
पंजाब | 32 | यूरेनियम |
उत्तर प्रदेश | 2,500 | आर्सेनिक, नाइट्रेट |
बिहार | 3,200 | लौह, आर्सेनिक |
राजस्थान | 1,800 | फ्लोराइड |
महाराष्ट्र | 1,500 | भारी धातुएँ |
पश्चिम बंगाल | 1,900 | आर्सेनिक |
अन्य राज्य | 416 | मिश्रित |
कुल | 11,348 | — |
🔮 भविष्य की दिशा
🏭 जल गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार को जल प्रदूषण की रोकथाम पर अधिक ध्यान देना होगा।
🚰 जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को समय पर पूरा करना जरूरी है।
📊 फंड की उचित योजना और प्रभावी क्रियान्वयन से जल संकट को दूर किया जा सकता है।
🌍 समुदाय की भागीदारी और नवीनतम तकनीकों का उपयोग जल शुद्धिकरण को बेहतर बना सकता है।
🔚 निष्कर्ष
भारत में जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जो स्वास्थ्य, पर्यावरण और आर्थिक विकास को प्रभावित कर रही है। सरकार को नीतिगत सुधारों, तकनीकी नवाचार और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से इस संकट का स्थायी समाधान निकालना होगा।