तेलंगाना विधानसभा ने अनुसूचित जाति (आरक्षण का युक्तिकरण) विधेयक-2025 पारित कर दिया है जिससे राज्य में अनुसूचित जाति के अंतर्गत 59 समुदायों के लिए आरक्षण में उप-वर्गीकरण का रास्ता साफ हो गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डी. राजनरसिम्हा ने कल विधेयक पेश किया।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जातियों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। जिसमें समूह-एक को एससी के लिए 15 प्रतिशत कोटे के भीतर एक प्रतिशत आरक्षण मिलेगा जबकि समूह-दो को नौ प्रतिशत आरक्षण मिलेगा और समूह-तीन के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि एससी उप-वर्गीकरण के संघर्ष में कई कार्यकर्ताओं ने अपने प्राणों की आहुति दी है।
📅 इस विधेयक का उद्देश्य समाजिक न्याय, समानता और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है।
🎯 विधेयक का उद्देश्य:
- 🔄 आरक्षण की पुनरावलोकन प्रक्रिया:
- यह विधेयक राज्य में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण का युक्तिकरण करने के लिए लाया गया है।
- विधेयक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आरक्षण सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर सही तरीके से वितरित किया जाए।
- इसके तहत अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण प्रतिशत को समाज के बदलते हुए परिप्रेक्ष्य और वास्तविक जरूरतों के अनुरूप समायोजित किया जाएगा।
- 📊 नवीनतम डेटा का उपयोग:
- विधेयक के अनुसार, अनुसूचित जातियों के आरक्षण को आधिकारिक आंकड़ों और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर युक्तिसंगत और अद्यतन किया जाएगा।
- यह सुनिश्चित करेगा कि आरक्षण केवल उन्हीं को मिले जिन्हें सच्ची जरूरत है और जिनके पास वास्तविक पिछड़ापन है।
- 📚 शैक्षिक और रोजगार क्षेत्र में सुधार:
- विधेयक में शैक्षिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था को और सशक्त किया गया है।
- इसके तहत आरक्षित सीटों और पदों को सुनिश्चित किया जाएगा ताकि इन वर्गों को शिक्षा और रोजगार के समान अवसर मिल सकें।
- 🤝 सामाजिक समावेशन:
- विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण को केवल कानूनी रूप से लागू करने के अलावा, उनके सामाजिक समावेशन और स्वास्थ्य जैसी अन्य आवश्यकताओं पर भी ध्यान दिया जाएगा।
- इसके लिए राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के बीच समान अवसर प्रदान करने की दिशा में कार्य करेगी।
📜 मुख्य प्रावधान:
- 🔄 आरक्षण का युक्तिकरण:
- विधेयक में आरक्षण की समीक्षा और अद्यतन के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है। यह समिति अनुसूचित जातियों के आरक्षण के वितरण को समाजिक और आर्थिक प्रभाव के आधार पर निर्धारित करेगी।
- समिति यह सुनिश्चित करेगी कि आरक्षण का लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों तक पहुंचे जो वास्तव में पिछड़े हैं और जिनकी विकास की गति धीमी है।
- 📊 आधिकारिक आंकड़ों का उपयोग:
- आरक्षण का निर्धारण आधिकारिक आंकड़ों और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आरक्षण केवल वास्तविक आवश्यकता वाले लोगों को मिले।
- 📚 शैक्षिक और रोजगार क्षेत्र में आरक्षण:
- शैक्षिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा।
- इसके तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में इस समुदाय के लिए समाज में समान अवसर प्रदान किए जाएंगे।
- 🤝 समाज के लिए प्रगति:
- विधेयक का उद्देश्य सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देना है, ताकि अनुसूचित जातियों को समान अधिकार और अवसर मिल सकें।
💡 विधेयक का महत्व:
- ⚖️ समाजिक न्याय और समानता:
- यह विधेयक समाजिक न्याय के सिद्धांतों को लागू करने में मदद करेगा और अनुसूचित जातियों के बीच समान अवसर के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।
- इससे समाज में समानता और समावेशन की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
- 🔒 अनुसूचित जातियों के अधिकारों की सुरक्षा:
- इस विधेयक के माध्यम से अनुसूचित जातियों के अधिकारों की रक्षा होगी, और उन्हें शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बेहतर अवसर मिलेंगे।
- यह विधेयक सुनिश्चित करेगा कि अनुसूचित जातियों के लिए निर्धारित आरक्षण सही तरीके से और समान रूप से वितरित किया जाए।
- 🏛️ राज्य सरकार की जिम्मेदारी:
- यह विधेयक राज्य सरकार के लिए एक जिम्मेदारी भी है कि वह अनुसूचित जातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए अपने प्रयासों को तेज़ करे।
- राज्य सरकार को अनुसूचित जातियों की सामाजिक, शैक्षिक और रोजगार संबंधी जरूरतों को समझने और उन पर काम करने का अवसर मिलेगा।
✅ निष्कर्ष:
तेलंगाना विधानसभा द्वारा अनुसूचित जाति (आरक्षण का युक्तिकरण) विधेयक-2025 पारित करना एक महत्वपूर्ण कदम है जो अनुसूचित जातियों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए है। यह विधेयक न केवल आरक्षण के वितरण को युक्तिसंगत बनाएगा, बल्कि समाज में समान अवसर और न्याय की भावना को भी बढ़ावा देगा। इसके माध्यम से तेलंगाना सरकार सुनिश्चित करेगी कि अनुसूचित जातियों के अधिकारों का सही तरीके से संरक्षण हो और उन्हें समान अवसर मिलें।
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