हरियाणा सरकार ने राज्य में गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘हरियाणा साक्षी संरक्षण योजना-2025’ शुरू की है। इस योजना के तहत, गवाहों को बिना कोर्ट गए बयान दर्ज कराने की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें आरोपियों से आमना-सामना नहीं करना पड़ेगा।
मुख्य बिंदु:
- गवाहों की श्रेणियाँ: गवाहों को धमकी की आशंका के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा गया है:
- ‘ए’ श्रेणी: वे मामले जहां गवाह या उनके परिवार को गंभीर खतरा हो सकता है।
- ‘बी’ श्रेणी: वे मामले जहां गवाह या उनके परिवार के अलावा अन्य व्यक्तियों की सुरक्षा, प्रतिष्ठा या संपत्ति को खतरा हो सकता है।
- ‘सी’ श्रेणी: वे मामले जहां धमकी का स्तर मध्यम है।
सुरक्षा उपाय: गवाहों की सुरक्षा के लिए उनके ईमेल और टेलीफोन कॉल की निगरानी की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर गवाहों को सुरक्षा उपकरण, जैसे सीसीटीवी, अलार्म, बाड़ आदि प्रदान किए जाएंगे। साथ ही, गवाहों के परिवार के सदस्यों और करीबी व्यक्तियों को भी सुरक्षा दी जाएगी।
ठिकाना बदलना: यदि गवाह को खतरा होता है, तो पुलिस अस्थायी रूप से उनके निवास स्थान को बदल सकती है। नया ठिकाना किसी रिश्तेदार का घर या नजदीकी कस्बे/नगर में हो सकता है
साक्षी संरक्षण सेल: हर जिले में साक्षी संरक्षण सेल का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता संबंधित जिले के पुलिस उपायुक्त या पुलिस अधीक्षक करेंगे। इनकी जिम्मेदारी गवाहों की पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगी।
इस योजना का उद्देश्य गवाहों को सुरक्षित माहौल प्रदान करना है, जिससे वे बिना किसी भय के न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग कर सकें।