प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के गुवाहाटी स्थित सरुसजाई स्टेडियम में झुमोर बिनंदिनी कार्यक्रम का उद्घाटन किया

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24 फरवरी 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के गुवाहाटी स्थित सरुसजाई स्टेडियम में ‘झुमोर बिनंदिनी’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर, 8,500 से अधिक कलाकारों ने झुमुर नृत्य प्रस्तुत किया, जो असम के चाय बागान समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर और 60 देशों के राजदूत भी उपस्थित थे, जो राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सभी प्रतिभागियों और प्रशिक्षकों के लिए प्रोत्साहन राशि की घोषणा की, जिसमें प्रत्येक प्रतिभागी और प्रशिक्षक को 25,000 रुपये, जबकि विशेषज्ञ प्रशिक्षकों को 30,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, चाय बागानों में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक चाय बागान को 25,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।

यह आयोजन ‘एडवांटेज असम 2.0 निवेश और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन’ के पूर्वसंध्या पर आयोजित किया गया, जो 25-26 फरवरी 2025 को गुवाहाटी में आयोजित होगा। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य राज्य में साझेदारी, सहयोग, व्यापार विस्तार और नए निवेश को प्रोत्साहित करना है

इससे पहले, असम ने 2024 में 11,298 प्रतिभागियों के साथ ‘एक ही स्थान पर सबसे बड़ा बिहू नृत्य’ का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया था। हालांकि, इस बार झुमुर नृत्य प्रदर्शन के माध्यम से विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास नहीं किया गया, लेकिन 60 देशों के राजदूतों की उपस्थिति अपने आप में राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से असम की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने और राज्य में निवेश के नए अवसरों को उजागर करने का प्रयास किया गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के गुवाहाटी स्थित सरुसजाई स्टेडियम

असम के चाय बागान समुदाय के लिए नई योजनाएँ

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने चाय बागान समुदाय के कल्याण के लिए कई प्रमुख घोषणाएँ कीं

स्वास्थ्य सुविधाएँ : चाय बागान क्षेत्रों में 300 से अधिक ‘आयुष्मान आरोग्य केंद्रों’ की स्थापना, जिससे सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध होंगी।

शिक्षा का विकास : चाय बागान समुदाय के छात्रों के लिए 100 से अधिक मॉडल स्कूलों की स्थापना, जिससे उनकी शिक्षा में सुधार होगा।

आर्थिक समर्थन : स्वरोजगार योजनाओं को लागू किया जाएगा ताकि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

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