क्वांटम कंप्यूटिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा

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हाल ही में, नीति आयोग ने भारत की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए ‘नीति फ्रंटियर टेक हब’ की स्थापना की। एक रणनीतिक दस्तावेज जारी किया गया, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्वांटम कंप्यूटिंग के प्रभावों को रेखांकित किया गया। यह दस्तावेज दर्शाता है कि क्वांटम तकनीक विभिन्न क्षेत्रों को कैसे परिवर्तित करेगी और सुरक्षा उपायों को कैसे सुदृढ़ बनाएगी।

क्वांटम कंप्यूटिंग की रूपरेखा

क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें ऐसे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर विकसित किए जाते हैं, जो क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स का उपयोग करके कार्य करते हैं। पारंपरिक बिट्स के विपरीत, क्यूबिट्स सुपरपोजिशन के कारण एक साथ कई अवस्थाओं में रह सकते हैं। यह विशेषता क्वांटम कंप्यूटरों को जटिल गणनाओं को अधिक कुशलता से हल करने में सक्षम बनाती है।

क्वांटम यांत्रिकी के मूलभूत सिद्धांत

उलझाव (Entanglement): कण आपस में उलझ सकते हैं, जिसका अर्थ है कि एक कण की स्थिति तुरंत दूसरे कण को प्रभावित कर सकती है, चाहे वे कितनी भी दूरी पर हों। यह गुण सुरक्षित क्वांटम संचार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सुपरपोजिशन (Superposition): क्यूबिट्स एक ही समय में 0 और 1 दोनों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। यह क्षमता क्वांटम कंप्यूटरों को विशाल डेटा को एक साथ संसाधित करने में सक्षम बनाती है। हालांकि, मापन के बाद क्यूबिट केवल एक ही निश्चित अवस्था में आ जाता है।

हस्तक्षेप (Interference): क्वांटम अवस्थाएँ आपस में हस्तक्षेप कर सकती हैं। यह हस्तक्षेप क्वांटम एल्गोरिदम में वांछित परिणामों की संभावना को बढ़ा सकता है, जबकि कम संभावित परिणामों को दबा सकता है।

क्वांटम कंप्यूटिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा

क्वांटम कंप्यूटिंग का राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। नीति फ्रंटियर टेक हब ने इसके विभिन्न संभावित जोखिमों को चिह्नित किया है:

सैन्य अनुप्रयोग: क्वांटम प्रौद्योगिकी सैन्य रणनीति और लॉजिस्टिक्स को बेहतर बना सकती है। स्वायत्त प्रणालियाँ, क्वांटम-सक्षम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के माध्यम से अधिक प्रभावी हो सकती हैं।

क्रिप्टोग्राफी: पारंपरिक एन्क्रिप्शन विधियाँ क्वांटम कंप्यूटरों के सामने असुरक्षित हो सकती हैं। पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी विकसित करना संवेदनशील जानकारी को क्वांटम हमलों से बचाने के लिए आवश्यक है।

खुफिया जानकारी एकत्र करना: उन्नत कंप्यूटिंग क्षमताएँ देशों को संचार को डिक्रिप्ट और इंटरसेप्ट करने में सक्षम बनाएंगी, जिससे जासूसी रणनीतियाँ बदल सकती हैं।

आर्थिक युद्ध: एन्क्रिप्शन को भंग करने की क्षमता वित्तीय बाजारों को अस्थिर कर सकती है और आर्थिक जासूसी को बढ़ावा दे सकती है, जिससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाएँ प्रभावित हो सकती हैं।

भू-राजनीतिक प्रभुत्व: क्वांटम प्रौद्योगिकी में श्रेष्ठता प्राप्त करने वाले देश वैश्विक तकनीकी मानकों और विनियमों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा।

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन

2023 में, भारत सरकार ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) की शुरुआत की। इसका उद्देश्य चार क्षेत्रों में क्वांटम प्रौद्योगिकी अनुसंधान को बढ़ावा देना है:

  • क्वांटम कंप्यूटिंग
  • क्वांटम संचार
  • क्वांटम संवेदन (Sensing)
  • क्वांटम सामग्री

इस मिशन का कुल बजट ₹6,003.65 करोड़ निर्धारित किया गया है, जो आठ वर्षों तक चलेगा। इसका मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक और औद्योगिक प्रगति को गति देना है।

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