संसदीय प्रक्रियाओं को डिजिटल और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए लोकसभा सचिवालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने मंगलवार को संसद भाषिनी पहल के विकास के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके संसदीय कार्यों को अधिक समग्र और सुलभ बनाना है, ताकि संसदीय बहसों, रिकॉर्ड्स और दस्तावेजों तक अधिक सटीक और आसानी से पहुंच बनाई जा सके। इसके साथ ही यह बहुभाषी समर्थन को भी बढ़ावा देगा, जिससे भारतीय भाषाओं में संसदीय जानकारी की उपलब्धता में सुधार होगा।
🏛️संसद भाषिनी पहल का उद्देश्य
यह पहल भारतीय संसद के दस्तावेज़ीकरण और जानकारी तक पहुंच को आधुनिक बनाकर उसे अधिक पारदर्शी, समावेशी और सुलभ बनाने का लक्ष्य रखती है। यह परियोजना लोकसभा सचिवालय और MeitY के सहयोग से बनाई जा रही है, जिसमें संसदीय डेटा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उपकरणों के साथ एकीकृत किया जाएगा। AI आधारित समाधान संसदीय कार्यों को तेज, पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाने के लिए काम करेंगे।
✨परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ
- वास्तविक समय में अनुवाद : संसद भाषिनी पहल के अंतर्गत AI आधारित अनुवाद प्रणाली वास्तविक समय में संसदीय सामग्री को विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवादित करने का कार्य करेगी। इससे न केवल बहसों और समितियों की बैठकों का अनुवाद होगा, बल्कि संसद के एजेंडा फाइल्स और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध होंगे। इससे लोकसभा की जानकारी का लोकतंत्रीकरण होगा और नागरिकों को अपनी भाषा में संसदीय कार्यों तक अधिक सुलभ पहुंच मिलेगी।
- AI-आधारित चैटबॉट : सांसदों, अधिकारियों और शोधकर्ताओं के लिए एक AI-आधारित चैटबॉट विकसित किया जाएगा, जो संसदीय नियम, दस्तावेज़, और प्रक्रियात्मक जानकारी को तुरंत प्राप्त करने में मदद करेगा। इस चैटबॉट का उद्देश्य संसद से संबंधित जानकारी के लिए त्वरित और सटीक खोज में सहायता करना है, और यह उपयोगकर्ता की प्रतिक्रियाओं के आधार पर लगातार सुधारित होगा।
- स्पीच-टू-टेक्स्ट रूपांतरण : संसदीय बहसों और चर्चाओं को वास्तविक समय में लिखित रूप में बदलने के लिए एक स्पीच-टू-टेक्स्ट प्रणाली का निर्माण किया जाएगा। यह प्रणाली भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए भारतीय भाषाओं का समर्थन करेगी, और इसके साथ ही इसमें बैकग्राउंड शोर में कमी और कस्टमाइजेबल शब्दावली जैसे फीचर्स शामिल होंगे ताकि अनुवाद की सटीकता को बढ़ाया जा सके।
- वास्तविक समय भाषण अनुवाद : संसदीय चर्चाओं को तुरंत विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध करने के लिए AI आधारित वास्तविक समय भाषण अनुवाद प्रणाली होगी। यह न केवल सांसदों, बल्कि आम नागरिकों को भी संसद की गतिविधियों का समग्र रूप में और उनकी भाषा में पालन करने में मदद करेगा।
- स्वचालित सारांशण : लंबे संसदीय बहसों का स्वत: सारांशण किया जाएगा, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी और रिकॉर्ड-कीपिंग में भी मदद मिलेगी। यह स्वचालित सारांश कार्यवाही को संक्षेप में प्रस्तुत करने के लिए उपयोगी होगा, ताकि महत्वपूर्ण निर्णयों को त्वरित रूप से लिया जा सके।
💡 तकनीकी सहयोग और भविष्य की दिशा
इस परियोजना में Bhashini पहल, जो MeitY द्वारा चलायी जाती है, अनुवाद क्षमता और तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगी। इसके अलावा, संसदीय डेटा का विशाल संग्रह AI समाधान विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे संसदीय प्रक्रियाओं के हर पहलू में सुधार हो सकेगा। इसके द्वारा सभी सांसदों, शोधकर्ताओं और नागरिकों के लिए संसदीय रिकॉर्ड्स, बहसों और दस्तावेजों तक आसानी से पहुंच संभव होगी, चाहे वे किसी भी भाषा में हों।
👨💼📢 मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष का दृष्टिकोण
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पहल की शुरुआत में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने विश्वास जताया कि यह परियोजना न केवल संसदीय दस्तावेजीकरण को आधुनिक बनाएगी, बल्कि यह बहुभाषी पहुंच को भी बढ़ावा देगी, जिससे भारत की प्रौद्योगिकी-आधारित शासन प्रणालियों को और सशक्त किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल भारत के डिजिटल शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस पहल से संसद के कार्यों को अधिक पारदर्शी, सुलभ और डिजिटल रूप में विकसित किया जाएगा, जो लोकतंत्र की मजबूती और नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देगा।
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