Home नया क्या हैं ? ब्लू घोस्ट मिशन 1: हालिया खबरों में क्यों?

ब्लू घोस्ट मिशन 1: हालिया खबरों में क्यों?

ब्लू घोस्ट मिशन 1

1. सफल चंद्रमा लैंडिंग
अमेरिकी निजी अंतरिक्ष कंपनी Firefly Aerospace ने ब्लू घोस्ट मिशन 1 को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतारा है। यह लैंडिंग 2 मार्च 2025 को भारतीय समयानुसार सुबह हुई। यह मिशन मारे क्रिसियम (Mare Crisium) नामक चंद्र क्षेत्र में उतरा, जो चंद्रमा के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है।

2. मिशन का उद्देश्य
यह मिशन NASA के आर्टेमिस कार्यक्रम का हिस्सा है और इसके तहत 10 वैज्ञानिक उपकरण चंद्रमा पर भेजे गए हैं। इन उपकरणों का उद्देश्य:

  • चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन करना,
  • चंद्र सतह पर रेडिएशन-प्रतिरोधी कंप्यूटर का परीक्षण करना,
  • GPS तकनीक का उपयोग करके चंद्रमा पर नेविगेशन प्रणाली को जांचना।

3. लॉन्च और संचालन अवधि

  • यह मिशन 15 जनवरी 2025 को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था।
  • यह चंद्रमा पर 14 पृथ्वी दिनों तक कार्य करेगा, जब तक कि चंद्र रात शुरू नहीं हो जाती।

4. आर्थिक और व्यावसायिक प्रभाव
इस मिशन की सफलता के बाद कई अंतरिक्ष क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में वृद्धि देखी गई, जैसे:

  • Intuitive Machines Inc. के शेयरों में 2.9% की बढ़ोतरी हुई।
  • Rocket Lab Inc., AST SpaceMobile Inc., और Planet Labs PBC जैसी कंपनियों के शेयरों में भी उछाल आया।

5. NASA का CLPS कार्यक्रम और निजी क्षेत्र की भागीदारी
यह मिशन NASA के Commercial Lunar Payload Services (CLPS) कार्यक्रम का हिस्सा है, जो निजी कंपनियों को चंद्र अन्वेषण में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। Firefly Aerospace इस मिशन के जरिए चंद्र अन्वेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और भविष्य के चंद्र व मंगल अभियानों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही है।

फायरफ्लाई एयरोस्पेस की ब्लू घोस्ट मिशन 1 ने हाल ही में चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की है, जो निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

आइए इस मिशन के बारे में और विवरण जानें:

मिशन की पृष्ठभूमि और उद्देश्य:

  • नासा का CLPS कार्यक्रम: यह मिशन नासा के कमर्शियल ल्यूनर पेलोड सर्विसेज़ (CLPS) पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य निजी कंपनियों को चंद्र अन्वेषण में शामिल करना है।

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी उपकरण: ब्लू घोस्ट लैंडर ने 10 वैज्ञानिक उपकरण चंद्रमा पर पहुंचाए हैं, जिनका उद्देश्य भविष्य के मानव मिशनों के लिए आवश्यक डेटा एकत्रित करना है

प्रमुख उपकरण और उनके कार्य:

  • रेगोलिथ एड्हीरेंस कैरेक्टराइजेशन (RAC): यह उपकरण चंद्रमा की मिट्टी (रेगोलिथ) की सतह पर चिपकने की प्रवृत्ति का अध्ययन करेगा, जो भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है

  • नेक्स्ट जेनरेशन ल्यूनर रेट्रोरेफ्लेक्टर्स (NGLR): यह उपकरण पृथ्वी से चंद्रमा की सटीक दूरी मापने में सहायता करेगा, जिससे चंद्रमा के आंतरिक संरचना और भौतिकी के अध्ययन में मदद मिलेगी
  • ल्यूनर मैग्नेटोटेल्यूरिक साउंडर (LMS): यह उपकरण चंद्रमा के मेंटल की संरचना और संरचना का अध्ययन करेगा, जो चंद्रमा की भूभौतिकीय विशेषताओं को समझने में सहायता करेगा।
  • ल्यूनर इंस्ट्रूमेंटेशन फॉर सबसर्फेस थर्मल एक्सप्लोरेशन विद रैपिडिटी (LISTER): यह उपकरण चंद्रमा के आंतरिक ताप प्रवाह को मापेगा, जो चंद्रमा की थर्मल विशेषताओं को समझने में महत्वपूर्ण है।

मिशन की समयरेखा:

  • लॉन्च: ब्लू घोस्ट मिशन 1 को 15 जनवरी 2025 को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया गया था।

  • चंद्रमा पर लैंडिंग: लगभग 45 दिनों की यात्रा के बाद, लैंडर ने 2 मार्च 2025 को मारे क्रिसियम क्षेत्र में सफलतापूर्वक लैंडिंग की।

  • संचालन अवधि: लैंडर चंद्रमा की सतह पर लगभग 14 पृथ्वी दिनों तक (एक चंद्र दिवस) वैज्ञानिक उपकरणों का संचालन करेगा, जिसके बाद चंद्र रात्रि शुरू होगी।

भविष्य की योजनाएँ:

  • ब्लू घोस्ट मिशन 2: फायरफ्लाई एयरोस्पेस ने 2026 में दूसरा ब्लू घोस्ट मिशन लॉन्च करने की योजना बनाई है, जो यूरोपीय संचार उपग्रह ल्यूनर पाथफाइंडर को चंद्र कक्षा में स्थापित करेगा।

  • ब्लू घोस्ट मिशन 3: तीसरा ब्लू घोस्ट मिशन 2028 में प्रस्तावित है, जो नासा के अतिरिक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी उपकरणों को चंद्रमा पर ले जाएगा।

Blue Ghost Mission 1

फायरफ्लाई एयरोस्पेस की यह सफलता न केवल निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष अन्वेषण में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह भविष्य के चंद्र और मंगल मिशनों के लिए भी मार्ग प्रशस्त करती है।

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