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भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध

संदर्भ 

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की आधिकारिक यात्रा की। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। 

दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय वार्ता के प्रमुख बिंदु

परस्पर सहयोग पर बल 

  • दोनों देशों ने भारत-अमेरिका संबंधों को ‘समृद्धि के लिए मेगा साझेदारी’ के रूप में उल्लेख किया। 
  • दोनों देशों ने सहयोग के प्रमुख स्तंभों में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए एक नई पहल ‘21वीं सदी के लिए यू.एस.-इंडिया कॉम्पैक्ट’ (COMPACT : Catalyzing Opportunities for Military Partnership, Accelerated Commerce & Technology) की शुरूआत की।
    • इसका उद्देश्य रक्षा, व्यापार, ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, लोगों के बीच संबंध और बहुपक्षीय सहयोग में संयोजन के लिए नए व्यापक ढाँचे के रूप में कार्य करना है।

व्यापार संतुलन पर बल 

  • मिशन 500 : भारत व अमेरिका ने संयुक्त विकास, संयुक्त उत्पादन एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुनिश्चित करने के प्रयास में वर्ष 2030 तक 500 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य निर्धारित किया है।
    • भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार अमेरिका है।
  • द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर वार्ता : दोनों पक्षों ने वर्ष 2025 के मध्य तक पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा करने की घोषणा की।
    • इसके तहत दोनों देश वस्तु एवं सेवा क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने, बाजार पहुँच बढ़ाने, टैरिफ व गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण की दिशा में कार्य करेंगे।
  • दोनों पक्षों ने अमेरिकी व भारतीय कंपनियों के लिए एक-दूसरे के देशों में उच्च-मूल्य वाले उद्योगों में ग्रीनफील्ड निवेश के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। 

रक्षा साझेदारी पर बल 

  • रक्षा संबंधी नवीन दस वर्षीय ढाँचा : अमेरिकी राष्ट्रपति ने 21वीं सदी में अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए इस वर्ष एक नवीन दस वर्षीय ढाँचे पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है।
  • F-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री : ट्रंप ने व्यापार घाटे को कम करने के लिए अमेरिका द्वारा भारत से F-35 लड़ाकू विमानों सहित अधिक तेल, गैस एवं सैन्य हार्डवेयर खरीदने की घोषणा की।
    • इससे भारत उन्नत विमान संचालन वाले विशिष्ट समूह में शामिल हो जाएगा।
  • रक्षा संबंधों के नियमों की समीक्षा : सामरिक व्यापार प्राधिकरण-1 (STA-1) के तहत एक प्रमुख रक्षा साझेदार के रूप में अमेरिका व भारत अंतर्राष्ट्रीय शस्त्र विनियम (International Traffic in Arms Regulations : ITAR) सहित अपने संबंधित हथियार हस्तांतरण नियमों की समीक्षा करेंगे।
    • STA-1 के तहत रक्षा व्यापार, प्रौद्योगिकी विनिमय एवं रखरखाव, अतिरिक्त आपूर्ति और अमेरिका द्वारा प्रदान की जाने वाली रक्षा प्रणालियों की देश में मरम्मत को सुव्यवस्थित करना शामिल है।
  • ASIA पहल : रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए अमेरिका-भारत रोडमैप के साथ ही स्वायत्त प्रणालियों के बढ़ते महत्व को पहचानते हुए दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उद्योग साझेदारी एवं उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑटोनामस सिस्टम इंडस्ट्री एलायंस (Autonomous Systems Industry Alliance : ASIA) नामक एक नई पहल  की घोषणा की।
  • दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी एवं भारतीय सेनाओं की विदेशी तैनाती को समर्थन देने और बनाए रखने के लिए नई राह खोलने की प्रतिबद्धता जताई।  

ऊर्जा आपूर्ति में वृद्धि

  • वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में अग्रणी उत्पादकों तथा उपभोक्ताओं के रूप में अमेरिका व भारत की भूमिका को समझते हुए दोनों नेताओं ने तेल, गैस व असैन्य परमाणु ऊर्जा सहित अमेरिका-भारत ऊर्जा सुरक्षा साझेदारी के लिए पुन: प्रतिबद्धता जताई।
  • अमेरिका ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होने के लिए दृढ़ समर्थन की पुष्टि की।
  • दोनों देशों के बीच ऊर्जा खरीद बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका एवं भारत एक ऐसे समझौते पर पहुँच गए हैं जो अमेरिका को भारत के लिए तेल व गैस का शीर्ष आपूर्तिकर्ता बना सकता है।
    • इसका उद्देश्य भारत के साथ अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करना है जो वर्तमान में लगभग 45 बिलियन अमरीकी डॉलर है। 

अंतकवाद से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास 

  • भारत एवं अमेरिका दुनिया भर में कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए अपेक्षाकृत अधिक निकटता से सहयोग करेंगे। 
  • ट्रंप ने 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। जनवरी में अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी।

प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर चर्चा 

  • दोनों नेताओं ने 16 वर्ष पूर्व अंतिम रूप दिए गए ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते के ढाँचे के तहत भारत में अमेरिकी डिजाइन वाले परमाणु रिएक्टरों के निर्माण में मदद करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने का भी संकल्प लिया।
  • इसके अतिरिक्त दोनों देशों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी प्रौद्योगिकियों पर संयुक्त उत्पादन की पहल भी की।
  • दोनों देशों ने यू.एस.-भारत ट्रस्ट (Transforming the Relationship Utilizing Strategic Technology : TRUST) पहल की शुरुआत की घोषणा की। यह रक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अर्धचालक, क्वांटम, जैव प्रौद्योगिकी, ऊर्जा एवं अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण व उभरती प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग को बढ़ाने के लिए सरकार-से-सरकार, शिक्षा और निजी क्षेत्र के सहयोग को उत्प्रेरित करेगी।
    • इस पहल के हिस्से के रूप में फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में भी विश्वसनीय एवं लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

अनुसंधान एवं नवाचार पर बल 

  • दोनों देश के नेताओं ने ‘INDUS इनोवेशन’ के शुभारंभ की घोषणा की है जो यू.एस.-भारत उद्योग एवं शैक्षणिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के साथ ही अंतरिक्ष, ऊर्जा व अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों में निवेश को बढ़ावा देगा।
  • अमेरिकी एवं भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान समुदायों के बीच संबंधों को गहरा करने के महत्व को रेखांकित करते हुए महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों पर शोध के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन और भारत के ‘अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन’ के बीच एक नई साझेदारी की घोषणा की गई है। 

अंतरिक्ष सहयोग 

  • दोनों पक्षों ने वर्ष 2025 को अमेरिका-भारत नागरिक अंतरिक्ष सहयोग के लिए एक अग्रणी वर्ष के रूप में सराहना की है जिसमें अमेरिकी AXIOM कंपनी के माध्यम से नासा-इसरो के प्रयास शामिल हैं।
    • इससे प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजने के साथ ही दोनों देशों एक संयुक्त निसार मिशन का शीघ्र प्रक्षेपण किया जा सकेगा।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता पर बल 

  • अमेरिका व भारत के बीच घनिष्ठ साझेदारी एक स्वतंत्र, मुक्त, शांतिपूर्ण एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
  • अमेरिका हिंद महासागर क्षेत्र में विकासात्मक, मानवीय सहायता एवं सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत की भूमिका की सराहना करता है। 
    • दोनों देशों ने हिंद महासागर क्षेत्र में द्विपक्षीय संवाद एवं सहयोग को गहरा करने पर प्रतिबद्धता जताई। 
    • हिंद महासागर में अधिक संपर्क का समर्थन करते हुए मेटा की अंडरसी केबल परियोजना में बहु-वर्षीय निवेश की घोषणा का भी स्वागत किया गया। 
    • भारत विश्वसनीय विक्रेताओं का उपयोग करके हिंद महासागर में अंडरसी केबल के रखरखाव, मरम्मत एवं वित्तपोषण में निवेश का इरादा रखता है।

व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्क

  • दोनों देशों ने लोगों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर ध्यान दिया। इस संदर्भ में नवाचार को बढ़ावा देने, सीखने के परिणामों में सुधार और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के विकास में अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग के महत्व की पहचान की गयी। 
  • दोनों नेताओं ने संयुक्त/दोहरी डिग्री तथा संयुक्त उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना और भारत में अमेरिका के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों की स्थापना जैसे प्रयासों से उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया।
  • दोनों देशों ने सार्वजनिक एवं राजनयिक सुरक्षा, दोनों देशों की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पहुंचाने वाले अवैध आव्रजन नेटवर्क तथा संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए कानून प्रवर्तन सहयोग को मजबूत करने की भी प्रतिबद्धता जताई।

टैरिफ पर पारस्परिक दृष्टिकोण 

अमेरिका टैरिफ पर ‘पारस्परिक दृष्टिकोण’ को प्राथमिकता देगा। उन्होंने ब्रिक्स देशों पर भी ‘100% टैरिफ’ लगाने की चेतावनी दी है यदि वे अमेरिकी डॉलर को किसी अन्य मुद्रा से प्रतिस्थापित करने की कोशिश करते हैं। भारत को अमेरिका पारस्परिक शुल्क से छूट नहीं प्रदान करेगा। 

क्वाड की मजबूती पर बल 

क्वाड भागीदारों के रूप में दोनों देशों ने दोहराया कि यह साझेदारी आसियान केंद्रीयता की मान्यता, अंतर्राष्ट्रीय कानून व सुशासन का पालन, नेविगेशन की सुरक्षा एवं स्वतंत्रता, ओवरफ्लाइट व समुद्र के अन्य वैध उपयोगों के लिए समर्थन और वैध वाणिज्य एवं  अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत पर आधारित है।

भारत-चीन सीमा विवाद पर मध्यस्थता की पेशकश 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत-चीन सीमा विवाद में मध्यस्थता की पेशकश करते हुए तनाव कम करने का आह्वान किया है। हालाँकि, भारत ने इसे द्विपक्षीय मामला माना है। 

अवैध अप्रवास के मुद्दे पर चर्चा 

भारत ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस लेने के लिए भारत की तत्परता व्यक्त की और इस संबंध में मानव तस्करी पर प्रकाश डाला।

भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध 

रक्षा सहयोग 

  • रक्षा सहयोग ‘भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग के लिए नवीन ढांचा’ पर आधारित है जिसे वर्ष 2015 में दस वर्ष के लिए नवीनीकृत किया गया था।
  • जुलाई 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने भारत को सामरिक व्यापार प्राधिकरण (STA) टियर 1 सूची में शामिल किया।
    • इससे भारत को लाइसेंस अपवाद के तहत अमेरिका के निकटतम सहयोगियों को मिलने वाले समान व्यापार लाभ प्राप्त होंगे।
  • 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता : इसकी सह-अध्यक्षता विदेश मंत्री एवं रक्षा मंत्री करते हैं। यह वार्ता राजनीतिक, सैन्य व रणनीतिक मुद्दों पर मार्गदर्शन प्रदान करती है। पांचवीं 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता नवंबर 2023 में नई दिल्ली में आयोजित की गई। 
  • रक्षा नीति समूह : रक्षा सचिव एवं रक्षा अवर सचिव (नीति) की अध्यक्षता में रक्षा नीति समूह (DPG) रक्षा संवादों/तंत्रों की व्यापक समीक्षा के लिए एक मंच प्रदान करता है। 17वां डी.पी.जी. मई 2023 में वाशिंगटन डीसी में आयोजित किया गया।
    • अन्य द्विपक्षीय वार्ता तंत्र रक्षा उत्पादन एवं खरीद समूह, संयुक्त प्रौद्योगिकी समूह, द्विपक्षीय समुद्री सुरक्षा वार्ता, औद्योगिक सुरक्षा शिखर सम्मेलन एवं रक्षा व्यापार एवं प्रौद्योगिकी पहल हैं। 
  • विभिन्न रक्षा समझौते : संचार संगतता एवं सुरक्षा समझौता (2018), औद्योगिक सुरक्षा समझौता (2019), बुनियादी विनिमय एवं सहयोग समझौता (2020) और रक्षा नवाचार सहयोग के लिए आशय ज्ञापन (2018)
  • वर्ष 2023 में संपन्न भारत-अमेरिका रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप आपसी हित के क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी सहयोग एवं सह-उत्पादन को तेजी से ट्रैक करना चाहता है। 
  • जून 2023 में विश्वविद्यालयों, इनक्यूबेटर्स, कॉरपोरेट्स, थिंक टैंकों एवं निजी निवेश हितधारकों का एक नेटवर्क भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (INDUS X) लॉन्च किया गया था।
  • महत्वपूर्ण द्विपक्षीय अभ्यासों में युद्ध अभ्यास (सेना), वज्र प्रहार (विशेष बल), मालाबार (नौसेना), कोप इंडिया (वायु सेना) एवं टाइगर ट्रायम्फ (त्रि-सेवाएँ) शामिल हैं।
    • इसके अतिरिक्त रेड फ्लैग, रिमपैक, कटलैस एक्सप्रेस, सी ड्रैगन, मिलान जैसे बहुपक्षीय अभ्यास में दोनों देश भाग लेते हैं।

आतंकवाद रोधी सहयोग 

आतंकवाद रोधी सहयोग में सूचना का आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण, परिचालन सहयोग और आतंकवाद रोधी भारत-अमेरिका संयुक्त कार्य समूह के माध्यम से नियमित संवाद शामिल है। वर्ष 2017 में दोनों पक्षों ने घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय नामित आतंकवादी सूची प्रस्तावों पर एक संवाद शुरू किया।

व्यापार एवं आर्थिक संबंध 

  • वर्ष 2023 में वस्तुओं एवं सेवाओं में समग्र द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार अमेरिका है।
  • वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत भी अमेरिका था।
  • 163 भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में $40 बिलियन से अधिक का निवेश किया जिसके परिणामस्वरूप 425,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोज़गार सृजित हुए।
  • इक्विटी निवेश, सह-बीमा, अनुदान, व्यवहार्यता अध्ययन और तकनीकी सहायता को सक्षम करने के लिए भारत के वित्त मंत्रालय और अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त सहयोग [DFC] के बीच वर्ष 2022 में एक निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
    • जनवरी 2024 तक DFC का भारत पोर्टफोलियो 100 से अधिक परियोजनाओं में लगभग 4.0 बिलियन था।

रणनीतिक ऊर्जा भागीदारी/जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030

  • अप्रैल 2021 में भारत-अमेरिका जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 भागीदारी शुरू की गई। इसके दो ट्रैक हैं : 
  • रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी (SCEP) के तहत पाँच स्तंभ हैं :
    • बिजली एवं ऊर्जा दक्षता
    • नवीकरणीय ऊर्जा
    • उत्तरदायीपूर्ण तेल एवं गैस
    • सतत विकास 
    • उभरते ईंधन तथा प्रौद्योगिकियाँ (हाइड्रोजन जैव ईंधन एवं अपशिष्ट से ऊर्जा)
  • जलवायु कार्रवाई एवं वित्त जुटाने संबंधी वार्ता (CAFMD)
  • अमेरिका वर्ष 2021 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हुआ और वर्ष 2022 में समझौते की पुष्टि की। 
  • अमेरिका आपदा राहत अवसंरचना गठबंधन (CDRI) का भी सदस्य है
  • अगस्त 2023 में भारत और अमेरिका ने लैब-टू-लैब सहयोग, पायलट प्रोजेक्ट तथा  नवीन तकनीकों और कैपेसिटिव विकास के परीक्षण को सक्षम करने के लिए यूएस-इंडिया रिन्यूएबल एनर्जी टेक्नोलॉजी एक्शन प्लेटफॉर्म (RETAP) लॉन्च किया।
  • भारत के राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष और अमेरिकी विकास वित्त निगम ने एक अक्षय अवसंरचना निवेश कोष की स्थापना के लिए 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करने के लिए रुचि पत्रों (Letters of Interest) का आदान-प्रदान किया। 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा अंतरिक्ष सहयोग

  • अक्तूबर 2005 में हस्ताक्षरित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते को सितंबर 2019 में 10 वर्षों के लिए नवीनीकृत किया गया था।
  • भारत-अमेरिका विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम (IUSSTF) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा नवाचार में सहयोग को बढ़ावा देता है। 
  • इसरो का नासा (NASA), राष्ट्रीय महासागरीय एवं वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA), अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) और शैक्षणिक संस्थानों के साथ मजबूत नागरिक अंतरिक्ष सहयोग है। 
  • भारत-अमेरिका ने अंतरिक्ष सहयोग के निरंतर मूल्यांकन और बढ़ावा देने के लिए सिविल स्पेस ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप स्थापित किया है। 
  • इसरो एवं नासा पृथ्वी अवलोकन के लिए एक माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग उपग्रह ‘नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार’ (निसार) विकसित कर रहे हैं। 
  • इसरो एवं नासा ने मार्च 2024 में मानव अंतरिक्ष उड़ान में सहयोग के लिए रणनीतिक ढांचे के लिए हस्ताक्षर किए। 
  •  महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी पहल (iCET) : महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों में रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग, सह-विकास व सह-उत्पादन की सुविधा के लिए उभरती प्रौद्योगिकी के लिए पहल (iCET) शुरू की गई थी। 

स्वास्थ्य सहयोग 

  • द्विपक्षीय वैक्सीन एक्शन प्रोग्राम (VAP) के तहत बच्चों में दस्त का मुकाबला करने के लिए ROTAVAC® वैक्सीन एक भारतीय कंपनी द्वारा सस्ती कीमत पर विकसित की गई थी। 
  • अमेरिका में विपणन किए जाने वाले लगभग 40% जेनेरिक फॉर्मूलेशन की आपूर्ति भारत करता है।
  • गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाओं के लिए प्रसिद्ध भारतीय फार्मा कंपनियों के पास यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के सबसे बड़े फार्मास्युटिकल प्लांट हैं।
  • आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए भारतीय संस्थान सहयोग कर रहे हैं। 
  • भारत ने नीतिगत अंतराल को पाटने और कोविड को समाप्त करने के लिए फरवरी 2022 में शुरू की गई अमेरिका के नेतृत्व वाली वैश्विक कार्य योजना में भाग लिया। 
  • जून 2023 में शुरू की गई अमेरिकी पहल कैंसर मूनशॉट भारत में कैंसर के बोझ को कम करने के लिए सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की प्रतिबद्धताओं को सुविधाजनक बनाता है। 

शिक्षा एवं सांस्कृतिक सहयोग 

  • फुलब्राइट-नेहरू द्विराष्ट्रीय कार्यक्रम : इसके तहत दोनों देश अमेरिकी तथा भारतीय विद्वानों, पेशेवरों व छात्रों को फुलब्राइट-नेहरू छात्रवृत्ति एवं अनुदान का समर्थन करते हैं। 
  • भारत में पढ़ाने के लिए सालाना 1000 अमेरिकी शिक्षकों की यात्राओं की सुविधा के लिए भारत ने वर्ष 2015 में ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क (GIAN) शुरू किया था। 
  • उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका सबसे पसंदीदा स्थलों में से एक है।
  • सितंबर 2023 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिषद (IIT परिषद) एवं अमेरिकी विश्वविद्यालय संघ (AAU) ने भारत-अमेरिका वैश्विक चुनौती संस्थान की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। 
  • IIT बॉम्बे एक अंतर्राष्ट्रीय भागीदार के रूप में शिकागो क्वांटम एक्सचेंज में शामिल हुआ। 
  • भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास भारतीय संस्कृति के विविध पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं। 
  • भारत व अमेरिका ने प्राचीन वस्तुओं की अवैध तस्करी को रोकने और उस पर अंकुश लगाने के लिए जुलाई 2024 में नई दिल्ली में ‘सांस्कृतिक संपत्ति समझौते’ पर हस्ताक्षर किए।
  • लगभग 4.4 मिलियन भारतीय अमेरिकी/भारतीय मूल के लोग अमेरिका में रहते हैं। 
    • भारतीय मूल के लोग (3.18 मिलियन) अमेरिका में तीसरा सबसे बड़ा एशियाई जातीय समूह हैं। 
    • भारतीय अमेरिकियों के कई सामुदायिक संगठन और पेशेवर संगठन हैं। 
    • भारतीय अमेरिकी राजनीति सहित विविध क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं। वर्तमान में अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय मूल के पाँच व्यक्ति हैं। 
    • भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ संबंधों को मजबूत करने में भारतीय प्रवासी उत्प्रेरक रहे हैं। 
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